- पहली बार सीएम यादव ने की मुस्लिम रिश्तों की बात
भोपाल। डॉ. मोहन यादव ने पहली बार अपने मुस्लिम समुदाय के साथ घनिष्ठ संबंधों पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि रमजान और ईद उनके लिए भी इतना ही महत्व रखते हैं, जितना उनका लगाव होली, दिवाली या रक्षाबंधन से है। सीएम बनने के बाद पहला फरमान मस्जिदों के लाउड स्पीकर हटाने, मांस बिक्री पर पाबंदियां लगाने और एक धर्म विशेष को टारगेट कर बुलडोजर कार्यवाही करने के आरोपों से डॉ. मोहन यादव चर्चाओं में रहे हैं। जन्माष्टमी से लेकर गोवर्धन पूजा तक त्यौहारों के सरकारीकरण की चर्चाएं उठीं तो सवाल किया जाने लगा है कि क्या वे मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के त्योहारों में यही नीति और व्यवहार रखेंगे। डॉ. मोहन यादव ने पहली बार अपने मुस्लिम समुदाय के साथ घनिष्ठ संबंधों पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि रमजान और ईद उनके लिए भी इतना ही महत्व रखते हैं, जितना उनका लगाव होली, दिवाली या रक्षाबंधन से है। डॉ मोहन यादव ने कहा कि त्यौहार हमारी संस्कृति हैं, यह इंसानों को जोड़ने का काम करते हैं। उनका विरोध अलगाववाद और बिखराव की मंशा वालों से है। एक निजी चैनल को दिए विशेष साक्षात्कार के दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि समाज के त्यौहार सब मनाते हैं, इसलिए सरकार को इनमें सरोकार रखा जाना जरूरी है। वास्तव में त्यौहार आनंद के पल लेकर आते हैं, इसका सबको आनंद करना चाहिए। बहुसंख्यक अपने पर्वों का मजा लें, उसी तरह अल्पसंख्यक भी अपने त्योहारों का आनंद लें।
हर मीठी ईद पर जाता हूं मित्र डॉ. सनव्वर के घर
सवाल किया गया कि क्या बतौर मुख्यमंत्री रोजा इफ्तार और ईद के त्यौहार में शामिल होंगे। इस पर उन्होंने कहा कि उनके जीवनकाल को देख लिया जाए। वे हर मीठी ईद पर अपने मित्र मप्र वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सनव्वर पटेल के घर जाते हैं। मिलकर त्यौहार मनाते हैं और खुशियों में शामिल होते हैं। सिलसिला पुराना है, जारी है और आगे भी इसी तरह बरकरार रहेगा।
विरोध अलगाववाद का
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि त्यौहार, आपसी सौहाद्र और भाईचारे के इरादे अपनी जगह हैं, लेकिन देश बांटने वालों, अलगाववादी मानसिकता वालों और नफरत $फैलाने वालों से उनका विरोध है, हमेशा रहेगा। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के विरोध में हैं और हमेशा इसके खिलाफ ही रहेंगे।