- बुधनी और विजयपुर में आदिवासियों को साधने की कवायद
भोपाल। मध्य प्रदेश की बुधनी और विजयपुर विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव 13 नवंबर होगा। कांग्रेस और भाजपा का प्रचार दोनों सीटों पर तेज हो गया है। विजयपुर में भाजपा के मुकाबले के लिए कांग्रेस की नजर बसपा के वोट बैंक पर है। बसपा ने यहां उम्मीदवार नहीं उतारा है। दरअसल, पार्टी को यहां पिछले दो चुनाव से 35-35 हजार वोट मिल रहे हैं, जो चुनाव परिणाम की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि कांग्रेस ने बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और भांडेर से विधायक फूल सिंह बरैया और श्योपुर से विधायक बाबू जंडेल को आगे किया है।
विजयपुर और बुधनी का सियासी समीकरण
बुधनी में मुकाबला हमेशा भाजपा और कांग्रेस के बीच रहा है। यहां तीसरे दल की भूमिका रस्म अदायगी तक सीमित रही है, पर विजयपुर में ऐसा नहीं है। विजयपुर में तीसरे दल का उम्मीदवार परिणाम को प्रभावित करता है। इसमें भी बसपा ही प्रभावी भूमिका में रही है। यहां पार्टी का वोट बैंक है। वर्ष 2008 के चुनाव में बसपा के महेश प्रसाद मुदगल को 12 हजार 388 वोट मिले थे, जो 2013 में घटकर सात हजार 192 रह गए। पार्टी ने इसके बाद संगठन पर ध्यान दिया। इसका लाभ 2018 के चुनाव में मिला और पार्टी के प्रत्याशी बाबूलाल मेवरा को 35 हजार 628 वोट मिले और वह तीसरे स्थान पर रहे। इसका लाभ भाजपा को मिला था। तब भाजपा के सीताराम आदिवासी ने कांग्रेस के रामनिवास रावत को 2,840 मतों से पराजित कर दिया था। बसपा हार गई, लेकिन क्षेत्र में उसका प्रभाव बढ़ गया।