नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने बुधवार को इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई-मेन सत्र 2 के लिए परिणाम जारी कर दिए। यह परिणाम 24 अप्रैल की देर रात तकरीबन 11 बजकर 30 मिनट परजारी कर दिया। वे उम्मीदवार जिन्होंने इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन के लिए जॉइंट एंट्रेंस टेस्ट मेन्स सेशन-2 दिया था ऑफिशियल वेबसाइट jeemain.nta.ac.in पर अपना स्कोर कार्ड देख सकते हैं।इस बार JEE मेन्स के अप्रैल सेशन के लिए सामान्य श्रेणी का कटऑफ परसेंटाइल 2023 की तुलना में 2.45 अंक ज्यादा रहा। हालांकि, सामान्य श्रेणी के लिए चुने गए छात्रों की संख्या पिछली बार से 1261 कम है। इस बार JEE एडवांस्ड के लिए क्वालिफाइंग परसेंटाइल पांच साल का सबसे ज्यादा रहा है।
इस लिस्ट में अभी तक भोपाल से 99.97 पर्सेंटाइल के साथ ऋषि सोनगिरकर 642 रैंक हासिल की है, इसके अलावा 99.96 पर्सेंटाइल के साथ रथर्व राठौर ने 676वीं रैंक हासिल की है, बताया जा रहा है कि रथर्व इससे पहले वहीं भव्य पवार ने 99.9 पर्सेंटाइल, शिरीष महेश्वरी ने 99.61, वरुण शर्मा ने 99.49, सार्थक कुमार जैन ने 99.31 और अंकन देबनाथ ने 99.2 पर्सेंटाइल हालिस किए हैं।
रोजाना करता था 7-8 घंटे पढ़ाई
एनटीए की और से जारी किए गए जेईई मेंस के रिजल्ट में भोपाल के ऋषि सोनगिरकर ने ऑल इंडिया रैंक 642 हासिल की है। दैनिक भास्कर के साथ बातचीत में ऋषि ने बताया उनके पिता अरविंद सोनगिरकर ट्रेजरी शाखा में काम करते है। वहीं मां अर्चना सोनगिरकर हाउस वाइफ है। अपनी एग्जाम की तैयारी को लेकर ऋषि ने बताया कि उन्होंने 10वीं के बाद ही तैयारी शुरू कर दी थी एडमिशन ले लिया था। सबसे ज्यादा मॉकडिपार्टमेंट टेस्ट और पीवाईक्यू (पिछले साल के प्रश्नपत्र) पर फोकस किया, जिससे स्पीड और एक्यूरेसी मिली और जेईई में सिलेक्शन हो गया।
2 स्टेज में ये परीक्षा होती है और इसमें फिजिक्स, मैथ्स और केमिस्ट्री ये तीन सब्जेक्ट होते है। शुरुआत में मुझे मैथ्स में दिक्कत होती थी, लेकिन बाद में प्रैक्टिस के साथ सब ठीक होता चला गया। मैं रोजाना 7-8 घंटे पढ़ाई करता था। मुझे किसी भी तरह की परेशानी होती थी तब परिवार का मुझे काफी सपोर्ट मिला। मेरे पिता ने केमिस्ट्री से एम.एस.सी किया है, जब भी मुझे केमिस्ट्री में दिक्कत होती थी। तो मेरे पिता मुझे पढ़ाते थे।
बेडमिंटन खेल खुद को करता था मोटीवेट
ऋषि सोनगिरकर ने बताया कि मैं खुद को मोटिवेट करने के लिए चेस और बेडमिंटन खेलता था, क्योंकि ऐसे में मोटिवेशन बहुत जरूरी होता है। ताकि मेंटली खुद को ठीक रख पाउं। आगे जो भी जेईई के एस्पिरेंट एग्जाम देंगे उन्हें यही सलाह दूंगा कि केमिस्ट्री और फिजिक्स के लिए एनसीआरटी को अच्छे से पढ़ना चाहिए। और सीबीटी की आदत डालना चाहिए क्योंकि एग्जाम सीबीटी फॉर्मेट में होता है। फिलहाल मुझे आईआईटी कानपुर में पढ़ने की इच्छा है। और कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग करने के बाद डेटा साइंटिस्ट बनना है।
डेडलाइन बनाकर की पढ़ाई :राथर्व राठौर
जेईई मेन्स में 676 रैंक के साथ 99.96 पर्सेंटाइल हासिल करने वाले राथर्व राठौर ने बताया कि उन्होंने 9th क्लास से ही जेईई की तैयारी प्रारंभिक स्तर पर शुरू कर दी थी। लेकिन 11वीं क्लास में आते-आते अथर्व ने एडवांस स्तर पर तैयारी शुरू कर दी। राथर्व बताते है कि मेरे पिता मनोज राठौर एमपी काउंसिल ऑफ साइंस टेक्नालॉजी में साइंटिस्ट है। वहीं मां डॉ वंदना राठौर प्रोफेसर है। मैंने कभी भी समय देखकर पढ़ाई नहीं की मैं हमेशा टारगेट और डेडलाइन बनाकर पढ़ता था। केमिस्ट्री में मुझे स्ट्रगल करना पड़ता है, लेकिन लगातार प्रैक्टिस टॉपिक को क्लियर कर देती है।
डेटा साइंटिस्ट बनने का है सपना
यह परीक्षा वाकई में कठिन है। पढ़ाई के दौरान उतार-चढ़ाव आते ही ऐसे समय में अपनी मां के साथ इवनिंग वॉक पर जाता था। जिससे कम्युनिकेशन तो होता था साथ ही दिमाग भी शांत होता था। दोस्तों से भी बातचीत होती रहती थी। आगे जो भी बच्चे एग्जाम देंगे उसे लेकर राथर्व का कहना है कि पढ़ाई के दौरान एक डेडलाइन जरूर बना ले कि मुझे ये टॉपिक कैसे भी करके खत्म करना है। सभी टॉपिक को अच्छे से समझे क्योंकि एग्जाम के सवाल इन्ही टॉपिक से बनते है। फिलहाल राथर्व जेईई एडवांस की तैयारी कर रहे है। उन्हें आगे चलकर कंप्यूटर साइंस से ग्रेजुएशन करके डेटा साइंटिस्ट बनना है।