- कहा-हाथियों की मौत की सीबीआई जांच कराने की मांग की
- जीतू पटवारी बोले- जहर दिया गया
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हाथियों की मौत को करीब एक सप्ताह बीत चुका है, लेकिन दोषियों को पकड़ना तो दूर मध्य प्रदेश सरकार अब तक हाथियों की मृत्यु के कारण को भी स्पष्ट नहीं कर सकी है। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में 10 हाथियों की मौत पर सियासत तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हाथियों की मौत को करीब एक सप्ताह बीत चुका है, लेकिन दोषियों को पकड़ना तो दूर मध्य प्रदेश सरकार अब तक हाथियों की मृत्यु के कारण को भी स्पष्ट नहीं कर सकी है। उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने हाथियों की मौत पर कहा कि यह कोई दुर्घटना नहीं थी बल्कि उन्हें जहर दिया गया था। मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 72 घंटे में 10 हाथियों की मौत के मामले में सियासत तेज होती जा रही है। मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार पर हाथियों की मौत को लेकर जमकर निशाना साधा। पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 10 हाथियों की मृत्यु को करीब एक हफ्ता बीत चुका है, लेकिन दोषियों को पकड़ना तो दूर मध्य प्रदेश सरकार अब तक हाथियों की मृत्यु के कारण को भी स्पष्ट नहीं कर सकी है।
उन्होंने कहा कि यह अत्यंत चिंता का विषय है। एक तरफ तो वन्य जीवों का जीवन खतरे में है तो दूसरी तरफ यह भी दिखाई देता है कि मध्य प्रदेश का वन विभाग वन्य प्राणियों की रक्षा करने में पूरी तरह असमर्थ है। प्रदेश की जांच एजेंसियां या तो पूरी तरह अकर्मण्य है या फिर उनके पास इतनी सुविधा ही नहीं है कि वह हाथियों की मृत्यु की उचित जांच कर सकें। पूर्व सीएम ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से अपील करते हुए कहा कि 10 हाथियों की मृत्यु की या तो सीबीआई जांच कराएं या फिर न्यायिक जांच के आदेश दें, क्योंकि निष्पक्ष जांच नहीं होने से वन्य प्राणियों के जीवन पर खतरा बना रहेगा और जो भी लोग इसके पीछे हैं वह खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे। इस तरह के अपराधों को दोहराने की हिमाकत करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी मेरी इस मांग को गंभीरता से लेंगे और प्रदेश में वन्य जीवन की सुरक्षा की दृष्टि से इस दिशा में तत्काल कदम उठाएंगे।
वन मंत्री रावत का इस्तीफा लें
हाथियों की मौत की घटना पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि 10 हाथियों की मौत, यह कोई दुर्घटना नहीं थी बल्कि उन्हें जहर दिया गया था। उन्हें जहर किसने दिया ये तो जांच का विषय है, हालांकि उनकी मौतों का कोई अभियुक्त है तो वो है विभाग और राज्य सरकार। ये सरकार केवल वन्य जीवों को लेकर बजट पास करती है और उसमें भ्रष्टाचार करती है। तीन साल का आंकड़ा ये कहता है कि लगभग 140 बाघों की मौतें हुई हैं। काले चीते लाए गए थे, जिस पर 5 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए, हालांकि हमारे टाइगर जो हमारा सम्मान बढ़ाते हैं वो मर रहे हैं। सरकार इन हत्याओं के लिए अगर केवल कर्मचारियों को दंड देती है तो ये अन्याय होगा। वन मंत्री का भी इस्तीफा लेना चाहिए। भाजपा का जो पाखंड है इसे जनता को समझना चाहिए। पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव से मेरा आग्रह है कि या तो वे रामनिवास रावत का वन मंत्री होने के नाते इस्तीफा लें या हम वोट के माध्यम से उन्हें पद से हटा देंगे।