- साइबर ठग गिरोह ने 24 महीने में करोड़ों कमाए
- देश के अलग-अलग 6 शहरों में नेटवर्क
भोपाल। भोपाल में गिरफ्तार सात में से छह साइबर ठगों को पुलिस ने जेल भेज दिया है। गिरोह का सरगना शशिकांत कुमार उर्फ मनीष 20 नवंबर तक रिमांड पर है। पुलिस को उसके मोबाइल में कई संदिग्ध ऐप मिले हैं। पूछताछ में उसने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने बताया कि वह फर्जी तरीके से बैंक खाते खुलवा कर उन्हें बेच देता था। साइबर ठगी भी करता था। शशिकांत ने बताया कि सबसे पहले वह नाबालिग लड़के-लड़कियों के आधार कार्ड हासिल करता था। फिर उन्हें एडिट कर दूसरों की फोटो लगाता था। साथ ही उम्र बढ़ाकर लिख देता था। इस फर्जी आधार नंबर से पैन कार्ड बन जाता था। इसके बाद फर्जी आधार और पैन कार्ड की मदद से बैंक खाते खुलवाता था। दरअसल, भोपाल पुलिस ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर बैंक अकाउंट बनाकर उन्हें बेचने वाले बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है। गिरफ्तार 7 आरोपियों में से एक महिला है। फर्जीवाड़ा करने वाला बिहार का अंतरराज्यीय गिरोह है। आरोपी भोपाल में किराए का मकान लेकर फर्जी दस्तावेज बनाते थे। इसके लिए इब्राहिमपुरा में एक कमरे में कॉल सेंटर भी बना रखा था। पूछताछ में आरोपियों ने देश के 6 अलग-अलग शहरों में रहकर फर्जी दस्तावेज बनाने की बात स्वीकार की है। इनमें इंदौर, भोपाल, लखनऊ, मुंबई, अहमदाबाद जैसे शहर शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक, बीते दो साल में आरोपी 1800 से अधिक खाते खुलवाने के बाद बेच चुके हैं। 10 हजार रुपए प्रति खाते को बेचकर करीब 2 करोड़ रुपए कमाए हैं। गिरोह की महिला सदस्य टेलीकॉलिंग कर शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट और ऑन लाइन गेमिंग ऐप में पैसा लगाने का झांसा देकर ठगी का काम करती थी।