कांग्रेस से निष्कासित हुए पूर्व सासंद संजय निरुपम ने 4 अप्रैल को कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में पांच अलग-अलग पावर सेंटर हैं। सोनिया, राहुल, बहनजी, नए अध्यक्ष खड़गे जी और वेणुगोपाल जी। कांग्रेस में वैचारिक द्वंद्व चल रहा है, इससे कार्यकर्ताओं में निराशा चल रही है।
निरुपम ने कहा कि राहुल गांधी के आसपास जो लेफ्टिस्ट हैं, वे आस्था में विश्वास नहीं करते। अकेले कांग्रेस ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण क जवाब में चिट्ठी लिखी कि ये भाजपा का प्रचार है। उन्होंने राम के अस्तित्व को ही नकार दिया।
इससे पहले, संजय निरुपम ने गुरुवार सुबह सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम अपना इस्तीफा भेजने के बाद पार्टी ने उन्हें निकाला। दरअसल, बुधवार रात खड़गे ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों की शिकायतों के बाद निरुपम को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने की मंजूरी दी थी।
सोशल मीडिया पोस्ट में निरुपम ने मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे इस्तीफे की तस्वीर शेयर की। उन्होंने लिखा- ऐसा लगता है कि बीती रात मेरा इस्तीफा मिलते ही पार्टी ने मुझे निकाले जाने का ऐलान करने का फैसला लिया। ऐसी फुर्ती देखकर अच्छा लगा।
संजय निरुपम का पूरा बयान...
कांग्रेस में पांच अलग-अलग पावर सेंटर हैं। और पांचों की अपनी लॉबी है जो आपस में टकराती रहती है। इन पांचों सेंटर में सबसे पहले सोनिया गांधी हैं, दूसरे सेंटर में राहुल गांधी, तीसरे में प्रियंका गांधी, चौथे में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और आखिरी में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल जी हैं। यह सब अपने प्रकार से राजनीति कर रहे हैं।
कांग्रेस में वैचारिक द्वंद्व चल रहा है, इससे कार्यकर्ताओं में निराशा है। कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से बिखरी हुई पार्टी है और पार्टी के नेताओं ने भी कहा है कि इसकी विचारधारा दिशाहीन है। आने वाले वक्त में काफी कुछ खत्म हो जाएगा।
कांग्रेस कहती है कि वो सेक्युलर पार्टी है। इसमें कुछ गलत नहीं। गांधीजी के सेक्युलरिज्म में किसी धर्म का विरोध नहीं था। नेहरूजी के सेकुलरिज्म में ये सही, ये गलत वाली बात थी। लेकिन, आज नेहरू के सेक्युलरिज्म की विचारधारा खत्म हो गई है। इसे मानने के लिए कांग्रेस तैयार नहीं है। इस विचारधारा को लेकर सबसे तेजी से लेफ्टिस्ट चल रहे हैं। वे खुद खत्म हो चुके हैं।
राहुलजी के आसपास लेफ्टिस्ट लोग हैं। ये लोग अयोध्या में राम के विराजमान होने का विरोध करेंगे। ये आस्था में विश्वास नहीं करते। कई लोगों को रामलला विराजमान के कार्यक्रम में बुलाया गया था। सभी ने सम्मान से कहा कि चिट्ठी मिली है, अगर फुर्सत मिली तो आ जाएंगे। किसी ने उत्सव पर सवाल नहीं उठाया। अकेली कांग्रेस ने चिट्ठी लिखी कि ये भाजपा का प्रचार है। उन्होंने राम के अस्तित्व को ही नकार दिया।
मुंबई नॉर्थ-वेस्ट सीट से टिकट न मिलने से नाराज हैं निरुपम
मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम मुंबई नॉर्थ-वेस्ट सीट से टिकट न मिलने से कांग्रेस से नाराज थे। महाराष्ट्र में कांग्रेस, शिवसेना उद्धव और NCP शरद पवार MVA गठबंधन में है। 27 मार्च को शिवसेना उद्धव गुट ने 17 कैंडिडेट्स का ऐलान किया था। निरुपम की पसंद वाली सीट से अमोल कीर्तिकर के नाम का ऐलान कर दिया गया। जबकि, खुद राहुल गांधी ने निरुपम को यहां से टिकट मिलने का भरोसा दिया था।
बुधवार को संजय ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- पार्टी अपनी बची-खुची ऊर्जा और स्टेशनरी का इस्तेमाल पार्टी को बचाने के लिए करे। वैसे भी पार्टी भीषण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। मैंने जो एक हफ्ते की अवधि दी थी, वह आज (बुधवार) पूरी हो गई है। कल (गुरुवार को) मैं खुद फैसला ले लूंगा।
इसके बाद संजय निरुपम को राज्य के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से हटा दिया गया। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि उनका नाम (संजय निरुपम) स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल था। हमने उसे हटा दिया है। जिस तरह से उनके बयान आ रहे हैं, वे पार्टी विरोधी हैं।
मुंबई की इन सीटों पर उद्धव गुट के प्रत्याशी, कांग्रेस नेता नाराज