पिता ने 500 रुपये कर्ज लेकर खोली थी मिठाई की दुकान, बेटे ने बना दी देश की सबसे बड़ी प्राइवेट यूनिवर्सिटी
Updated on
15-04-2024 01:27 PM
नई दिल्ली: लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी यह देश की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटीज में से एक है। इसमें देश-विदेश के करीब 35,000 बच्चे पढ़ते हैं। जालंधर में इस यूनिवर्सिटी का कैंपस 600 एकड़ में फैला है। UGC से मान्यता प्राप्त इस यूनिवर्सिटी में डिप्लोमा और ग्रेजुएशन से लेकर डॉक्टरेट तक 200 से ज्यादा कोर्स संचालित होते हैं। जब अशोक कुमार मित्तल ने इस यूनिवर्सिटी की शुरुआत की थी तो कुछ लोगों ने उनका मजाक उड़ाते हुए कहा था कि लड्डू बेचने वाले अब डिग्री बांटेंगे। आज इस विश्वविद्यालय की अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, ब्राजील, चीन, स्पेन और पोलैंड की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज के साथ पार्टनरशिप है। इसे बेस्ट प्राइवेट यूनिवर्सिटी का अवॉर्ड भी मिल चुका है। अशोक कुमार मित्तल पंजाब से आम आदमी पार्टी के राज्य सभा के सदस्य भी हैं। एक नजर अशोक कुमार मित्तल के सफर पर...
अशोक कुमार मित्तल के के पिता बलदेव राज मित्तल ने साल 1961 में अपने एक दोस्त से 500 रुपये कर्ज लेकर जालंधर में लवली स्वीट्स नाम से मिठाई की एक दुकान खोली। उस समय पंजाब में मोटी बूंदी वाली लड्डू का प्रचलन था। बलदेव राज ने मोतीचूर के लड्डू बनाए और यह हिट हो गया। अशोक मित्तल के मुताबिक उनकी दुकान की पहचान यह थी कि वहां साफ-सुथरी और ढकी हुई मिठाइयां मिलती थी। उनकी दुकान की लोकप्रियता बढ़ने लगी और साल 1969 आते-आते उन्होंने शहर में तीन दुकानें खोल लीं। आज जालंधर और उसके आसपास के इलाकों में मित्तल परिवार के दस से ज्यादा स्वीट स्टोर हैं। साथ ही परिवार ने बेकरी का काम भी शुरू किया है।
मित्तल की शुरुआत
अशोक मित्तल ने अमृतसर की गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से लॉ में ग्रेजुएशन करने के बाद ने अपने फैमिली बिजनस को जॉइन किया। पिता से बिजनस के गुर सीखे। सबसे बड़ी सीख यही थी कि डर के आगे जीत है। यानी किसी भी बिजनस में उतरो तो उसमें डूब जाओ। अशोक मित्तल ने जब साल 1991 में बजाज स्कूटर की डीलरशिप के लिए अप्लाई किया तो बजाज ने उनकी एप्लिकेशन खारिज कर दी थी। बजाज का कहना था कि उनकी हालत इतनी भी खराब नहीं हुई है कि लड्डू बेचने वालों को अपनी डीलरशिप दें। लेकिन जब बजाज वाले जालंधर आए और उन्हें मित्तल की कारोबारी क्षमता का पता चला तो उन्होंने डीलरशिप दे दी।
इसके बाद परिवार को 1996 में मारुति की डीलरशिप भी मिली। आज जालंधर और उसके आसपास लवली ऑटो के 25 से ज्यादा स्टोर हैं। इसके बाद आई लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी का नंबर। बिजनस चल निकलने के बाद परिवार ने समाज की बेहतरी का लक्ष्य लेकर इस यूनिवर्सिटी की स्थापना की। उस समय पंजाब में कोई प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी नहीं थी। साल 1999 में उन्होंने अपना संस्थान खोला और इसे नाम दिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज। इसे पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (PTU) से रजिस्टर्ड कराया गया।
लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी
मित्तल ने 2003 में यूनिवर्सिटी का दर्जा पाने के लिए पंजाब सरकार के पास अप्लाई किया और 2005 में इसे यूनिवर्सिटी का दर्जा मिल गया। इसे नाम दिया गया लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी। यूनिवर्सिटी ने 2006 में पहला सेशन शुरू हुआ। अभी इसमें दुनिया के 50 से अधिक देशों के छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें कुल करीब 35 हजार छात्र हैं। यूनिवर्सिटी का कैंपस 600 एकड़ के इलाके में फैला है और इसमें 3,500 से ज्यादा एकेडमिक स्टाफ है। लवली ग्रुप का कुल सालाना टर्नओवर करीब 1,135 करोड़ रुपये है और कुल 5,500 लोगों का स्टाफ है। ग्रुप की अब रियल एस्टेट, ईवी, चार्जिंग सेंटर, बैटरी निर्माण, आफ्टर सर्विस और रिटेल में भी उतरने की योजना है।
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