ऑपरेशन टाइगर के तहत उद्धव ठाकरे की पार्टी में टूट, शिंदे शिवसेना की ओर नेताओं का पलायन
उद्धव ठाकरे : महाराष्ट्र में हमेशा कुछ न कुछ सियासी हलचल बनी ही रहती है. इस समय राज्य में ऑपरेशन टाइगर की जोरदार चर्चा है. ऑपरेशन टाइगर के तहत एक के बाद एक उद्धव ठाकरे की पार्टी के नेता और पदाधिकारी उनका साथ छोड़ रहे हैं और एकनाथ शिंदे की शिवसेना का दामन थामते जा रहे हैं. शिवसेना ठाकरे पार्टी में जारी इस लीकेज और टूट पर रोक लगाने के लिए अब खुद उद्धव ठाकरे भी मैदान में उतरने जा रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई में ठाकरे गुट के सांसदों की बैठक 20 फरवरी और इसके बाद विधायकों की बैठक 25 फरवरी को बुलाई गई है. माना जा रहा है कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे इस दौरान सांसदों और विधायकों का मार्गदर्शन भी करेंगे.
बजट सत्र के दौरान दिल्ली में हुई थी बैठक
उद्धव ठाकरे की ओर से यह बैठक तब बुलाई गई है जब पार्टी के पूर्व विधायक और कई पदाधिकारी लगातार ठाकरे का साथ छोड़ते जा रहे हैं. इससे पहले दिल्ली में जब संसद का बजट सत्र चल रहा था तब उद्धव ठाकरे के बेटे और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने राष्ट्रीय राजधानी में सांसदों की बैठक ली थी. बजट सत्र के दौरान ऐसी कयासबाजी की जा रही थी कि कुछ सांसद उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ देंगे और इसके लिए ऑपरेशन टाइगर जैसी चर्चा भी चल रही थी.
पिछले हफ्ते पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को तब बड़ा झटका लगा जब कोंकण क्षेत्र के कद्दावर नेता और तीन बार के विधायक रहे राजन साल्वी एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना में शामिल हो गए. वह 2024 में रतापुर निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव हार गए थे.
महाराष्ट्र में बजट सत्र के दौरान बैठक
मुंबई में अब पार्टी के सांसदों की बैठक के बाद 25 फरवरी को ठाकरे गुट के विधायकों की बैठक होगी. विधानसभा के आगामी बजट सत्र के मद्देनजर विधायकों की यह बैठक अहम मानी जा रही है. हालांकि माना जा रहा है कि आगामी बजट सत्र के दौरान इस बैठक में विपक्षी दल के नेता के नाम पर चर्चा होगी. सूत्रों ने बताया कि शिवसेना भवन में सांसदों को 20 और विधायकों को 25 फरवरी को बैठक में शामिल होने का आदेश दिया गया है.