info@sabkikhabar.com +91 9425401800
Breaking News - - ★★ उत्तरकाशी आ रही ड्रिलिंग मशीन ऋषिकेश में खाई में गिरी:वर्टिकल ड्रिलिंग की 1 मशीन पहुंची, टनल में 9 दिन से फंसे 41 लोग      ★★ छठ पूजा कर लौट रहे परिवार पर फायरिंग, लखीसराय में 3 की मौत, वैशाली में भी भारी बवाल      ★★ करतारपुर गुरुद्वारा परिसर में हुई नॉनवेज पार्टी, छलके जाम! पाकिस्तान की हरकत से सिख समुदाय में रोष      ★★ संघर्ष विराम पर चर्चा को तैयार हुआ हमास।     
...

भोपाल ।
 वैसे तो इस मप्र विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस सहित 106 राजनीतिक दल चुनाव मैदान में उतरे थे। इनके अलावा निर्दलीय भी भाग्य आजमा रहे हैं। तीन दिसंबर को परिणाम आने के साथ ही इन सभी के भविष्य की दिशा तय होगी, पर कुछ के लिए इस चुनाव के खास मायने रहेंगे। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के बाद आम आदमी पार्टी 'आप' ने प्रदेश में अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश की है।
आप पार्टी ने इस चुनाव में अपना खाता खोलने के लिए सिंगरौली की महापौर और पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल को भी मैदान में उतारा था। पार्टी यह सीट जीतने की उम्मीद कर रही है। आप ने प्रदेश में इस चुनाव में 66 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। वहीं, इस बार बसपा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के बीच गठबंधन से दोनों दलों को लाभ-हानि इनकी आगे की दिशा तय करेगी। पहली बार भीम आर्मी यानी आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने भी 86 सीटों पर प्रत्याशी उतारे ।
आजाद समाज पार्टी की भी पैठ
आजाद समाज पार्टी (एएसपी) की पैठ भी अनुसूचित जाति (अजा) मतदाताओं के बीच है। हालांकि, इस चुनाव में पार्टी ने ओबीसी मतदाताओं को भी अपने पक्ष में करने की कोशिश की। पहले यह पार्टी ओबीसी महासभा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थी, पर बाद में 'आइएनडीआइए' गठबंधन बनने के बाद यह एक नहीं हो सकीं।

Bhopal   20/11/2023