info@sabkikhabar.com +91 9425401800
Breaking News - - ★★ उत्तरकाशी आ रही ड्रिलिंग मशीन ऋषिकेश में खाई में गिरी:वर्टिकल ड्रिलिंग की 1 मशीन पहुंची, टनल में 9 दिन से फंसे 41 लोग      ★★ छठ पूजा कर लौट रहे परिवार पर फायरिंग, लखीसराय में 3 की मौत, वैशाली में भी भारी बवाल      ★★ करतारपुर गुरुद्वारा परिसर में हुई नॉनवेज पार्टी, छलके जाम! पाकिस्तान की हरकत से सिख समुदाय में रोष      ★★ संघर्ष विराम पर चर्चा को तैयार हुआ हमास।     
...

भोपाल।
छिंदवाड़ा के बाद बैतूल से लेकर खंडवा और खरगौन से लेकर इंदौर तक का चुनावी मिजाज बदला बदला सा है। इसके पहले के कई इलाकों में तो कांग्रेस भाजपा में लड़ाई दिखती थी। इस इलाके में प्रत्याशी लड़ रहे हैं। करीब 450 किलोमीटर की इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में आदिवासी और किसान हैं। इनकी जीविका का मुख्य साधन खेती और मजदूरी है। यही वह इलाका है जिसे साधने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले साल भारत जोड़ो यात्रा के कई दिन गुजारे थे । भाजपा ने भी गौरव यात्रा निकाली थी, जिसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
कसरावद में कई लोगों के साथ दुकान पर टीवी परिचर्चा देख रहे शिवलाल पटरा कहते हैं कि उन्हें न तो भारत जोड़ो यात्रा की कोई बात याद है और न ही गौरव यात्रा की। मुझे तो इससे मतलब है कि कौन क्या दे रहा है। जो ज्यादा देगा वह ज्यादा पाएगा। वह कहते हैं कि भाजपा की लाडली बहना और किसान सम्मान निधि तथा कांग्रेस की कर्जमाफ़ी पर लोग गुणाभाग कर रहे हैं। लेकिन प्रत्याशी ज्यादा मायने रखता है। वह आसपास की कई सीटों का चुनावी समीकरण समझाते हुए कहते हैं कि इस बार कई पुराने और दूसरों को जिताने का ठेका लेने वाले नए दिग्गज प्रत्याशी हारने जा रहे हैं। बताते चलें कि कसरावद सीट पर पूर्व मंत्री सचिन यादव फिर मैदान में हैं। सचिन पूर्व उप मुख्यमंत्री सुभाष यादव के बेटे और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के भाई हैं। भाजपा ने आत्माराम पटेल को फिर मौका दिया है। वह सुभाष यादव को हरा चुके हैं। यहां कांटे की लड़ाई है।
राऊ : राहुल के करीबी जीतू पटवारी मुश्किल में
कांग्रेस से जीतू पटवारी और भाजपा से मधु वर्मा आमने -सामने हैं। जीतू दो बार से विधायक हैं। राऊ में किशन कुमार ने बताया जीतू कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीब हैं। वहीं, मधु वर्मा इंदौर विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष रहे हैं। भाजपा ने यह सीट जीतने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को लगाया है।
इंदौर-1 : बड़ा नेता बनाम घर का बेटा में फंसे विजयवर्गीय
इंदौर जिले की नौ सीटों में सबसे चर्चा में भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की इंदौर-1 है। 2018 में यहां कांग्रेस के संजय शुक्ला जीते थे। संजय विजयवर्गीय के बड़े करीबी माने जाते हैं और पारिवारिक ताल्लुकात हैं। भाजपा ने इस सीट को कब्जाने के लिए विजयवर्गीय को ही खड़ा कर दिया। यहां दीपचंद पटेल कहते हैं कि युवा संजय के साथ और बुजुर्ग विजयवर्गीय के साथ दिख रहे हैं।
इंदौर-1 में मिलीं ममता शुक्ला बताती हैं कि विजयवर्गीय के बेटे आकाश इंदौर-3 से विधायक हैं। भाजपा ने उनका टिकट काटकर विजयवर्गीय को दिया लेकिन सीट बदल दी। विजयवर्गीय ने इंदौर-1 में ब्राह्मण मतदाताओं को साधने के लिए इंदौर-3 से राकेश शुक्ला गोलू को टिकट दिला दिया है। गोलू इंदौर-1 के कांग्रेस प्रत्याशी संजय के चचेरे भाई हैं। विजयवर्गीय यहां बड़ा नेता बनाम घर का बेटा में फंस गए हैं।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के बेटे की बगावत में फंसी अर्चना चिटनिस
बुरहानपुर : यहां कांग्रेस ने पिछले चुनाव में निर्दलीय जीते सुरेंद्र सिंह शेरा को उतारा है। भाजपा से फिर प्रदेश प्रवक्ता अर्चना चिटनिस हैं। यहां मिले कौशलेंद्र दंडोतिया बताते हैं कि भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह के बागी होने से लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है।
बागी से मुश्किल में है कांग्रेस
अंबेडकर नगर महू : राज्य की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर मैदान में हैं। कांग्रेस सेे राम किशोर शुक्ला हैं। टिकट कटने पर कांग्रेस के बागी अंतर सिंह दरबार भी मैदान में हैं। कांग्रेस का एक तबका खुलेआम दरबार के साथ है।
जयस कई सीटों पर असरदार : महू में मिले जयंत सिकरवार कहते हैं, कांग्रेस से अलग हुआ जय आदिवासी युवा शक्ति 'जयस' कई जगह समीकरण बिगाड़ रहा है। जयस ने 15 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। 2018 में जयस से गठबंधन कर कांग्रेस 13 सीटें जीती थी। अलीराजपुर, थांदला व राजपुर इलाकों में जयस का प्रभाव दिख रहा है।
हरसूद में मिले रामलखन कहते हैं कि हरसूद 2004 में डूब गया था। लोग विस्थापित हुए। 2011 में नर्मदा विकास प्राधिकरण ने इस विस्थापित लोगों के इलाके को चंडीगढ़ की तरह बना देना को कहा था।  कुछ नहीं हुआ। लेकिन, कहते हैं कि विजय शाह (वन मंत्री) सात बार के विधायक हैं और आठवीं बार मैदान में हैं। कांग्रेस के सुखराम साल्वे कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
खंडवा में प्रसिद्ध ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग है। यहां खंडवा के केशव ललित ने बताया कि सर्वाधिक चर्चित सीट झाबुआ में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया के बेटे डा. विक्रांत भूरिया चुनाव लड़ रहे हैं। कांतिलाल विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते आए हैं। भाजपा ने अपने जिलाध्यक्ष भानु भूरिया को लड़ाया है।
ये हैं प्रमुख मुद्दे

  1. किसान फसल की लाभकारी कीमत मिलने में मुश्किल गिना रहा है। यहां भाजपा की 12000 रुपये सम्मान निधि और लाडली बहना योजना के लिए 1250 रुपये महीने भुगतान और कांग्रेस की किसान कर्ज माफी और 2600 रुपये में गेंहू खरीदने का वादा चर्चा में है।
  2. इंदौर जैसे शहरी इलाकों में पुरानी पेंशन की बहाली एक मुद्दा है। कांग्रेस ने वादा किया है, भाजपा चुप है। राम मंदिर का निर्माण इस इलाके में बड़ी चर्चा का विषय है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही इस पर अपनी-अपने तरीके से लोगों के बीच रख रहे हैं।
  3. कई जगह जहां भाजपा से नाराजगी है वहां कांग्रेस को वोट देने की बात करने वाले लोकसभा चुनाव में मोदी को साथ देने की बात कर रहे हैं।
  4. कई क्षेत्रों में घर-घर नल पहचाने पहुंचने का फायदा भाजपा को नजर आ रहा है। अब किसान खेत खेत पानी की मांग कर रहे हैं।
Bhopal   11/11/2023