राऊ।
कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न मानी जाने वाली राऊ विधानसभा सीट को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने पाले में कर लिया है। यहां के चुनाव के सारे सूत्र अब संघ के दिग्गजों के हाथों में आ गए हैं। भाजपा उम्मीदवार मधु वर्मा संघ द्वारा तय रणनीति के मुताबिक ही काम कर रहे हैं। उनसे कहा गया है कि वे जनसंपर्क पर सारा ध्यान दें और अगले 10 दिन में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचें। संघ के प्रयासों के चलते ही इस विधानसभा क्षेत्र में उलझे राजनीतिक पेंच भी सुलझा लिए गए हैं। यह इंदौर का एकमात्र ऐसा विधानसभा क्षेत्र है, जहां वोटर मैनेजमेंट एप का उपयोग कर संघ ने भाजपा का काम बहुत आसान कर दिया।
संघ इस विधानसभा क्षेत्र को लेकर कितना गंभीर है कि खुद क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते इस सीट को मॉनिटर कर रहे हैं। प्रांत प्रचारक बलिराम पटेल रोज समीक्षा कर रहे हैं। संघ के विभाग संपर्क प्रमुख विनय पिंगले राऊ विधानसभा क्षेत्र में पर्दे के पीछे मुख्य रणनीतिकार की भूमिका में हैं। संघ 'नेशन फर्स्ट' का नारा देकर बस्तियों और कॉलोनियों के साथ ही प्रमुख संगठनों के बीच भी जा रहा है। संघ द्वारा चयनित 100 वक्ता रोज बैठकें ले रहे हैं। इन बैठकों को समाज प्रबोधन का नाम देते हुए मतदाता जागरूकता अभियान से जोड़ा गया है। एक दिन में 70 बैठक हो रही हैं और अभी तक ऐसी 800 बैठकें हो चुकी हैं। लक्ष्य 1500 बैठकों का है, जिसे 14 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इन बैठकों में प्रशिक्षित वक्ता द्वारा 50 मिनट का एक पॉवर पाइंट प्रजेंटेशन दिया जाता है और जो लोग श्रोता के रूप में मौजूद होते हैं तो उनसे आग्रह किया जाता है कि वे अपने क्षेत्र में इस बात को आगे बढ़ाएंगे। तय यह किया गया है कि संघ द्वारा चयनित कार्यकर्ता मतदान के पहले तक जो 90 नाम उन्हें सौंपे गए हैं, उनसे कम से कम चार बार संपर्क कर लें।
पार्षदों की भी जिम्मेदारी मुकर्रर
अकेले राऊ विधानसभा क्षेत्र के लिए संघ ने एक कोर ग्रुप बनाया है। इसके जिम्मे चुनावी रणनीति को आकार देने के साथ ही क्षेत्र के प्रमुख भाजपा नेताओं से समन्वय का काम भी है। कोर ग्रुप के प्रभारी नियमित तौर पर क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से संवाद कर रहे हैं और हर तीन दिन में इनके साथ बैठक भी हो रही है। इस विधानसभा क्षेत्र के भाजपा पार्षदों की भी जिम्मेदारी मुकर्रर कर दी गई है और उन पर संघ के पदाधिकारियों की भी नजर है। यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि यदि निर्वाचित जनप्रतिनिधि की लापरवाही के चलते यदि उम्मीदवार को नुकसान हुआ तो इसका खामियाजा भी उन्हें उठाना पड़ेगा।
वोटर मैनेजमेंट एप और मतदाताओं की तीन कैटेगरी
राऊ विधानसभा क्षेत्र में वोटर मैनेजमेंट के लिए वोटर मैनेजमेंट एप का भी उपयोग किया जा रहा है। इस एप की मदद से तीन कैटेगरी के मतदाता चिह्नित किए गए हैं। पहली कैटेगरी में वो मतदाता हैं, जो हर हालत में भाजपा को वोट देते हैं। दूसरी कैटेगरी में वे वोटर रखे गए हैं जो किसी भी हालत में भाजपा को वोट नहीं देते हैं और तीसरी कैटेगरी में ऐसे वोटर रखे गए हैं, जिन पर थोड़ी मेहनत करने की स्थिति में वे भाजपा को वोट दे सकते हैं। इस तीसरी कैटेगरी पर ही सबसे ज्यादा काम हो रहा है। संघ के रणनीतिकारों का मानना है कि यदि हम इसमें कामयाब हो गए तो फिर यहां भाजपा को जीतने से कोई रोक नहीं सकता है।
सामाजिक स्तर पर भी घेराबंदी
संघ ने अपने सहयोगी संगठनों के माध्यम से सामाजिक स्तर पर भी कांग्रेस उम्मीदवार की तगड़ी घेराबंदी की है। संघ के दिग्गज अलग-अलग समाज के प्रमुख लोगों के साथ ही बैठक कर रहे हैं। समाज के प्रमुख लोगों को चिह्नित कर उन्हें भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। कोशिश यह हो रही है कि समाज के लोगों के माध्यम से ही उस समाज में बात को आगे बढ़ाया जाए। इस क्षेत्र में प्रदेश के अलग-अलग अंचल के जो रहवासी बसे हुए हैं, उन्हें भाजपा के पक्ष में करने के लिए संबंधित क्षेत्र के संघ से जुड़े लोगों को भी इंदौर बुलाया गया है। इसी तरह वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, इंजीनियर, डॉक्टर और शिक्षकों के समूह से भी संवाद किया जा रहा है।
जिनसे नुकसान हो सकता है, उन्हें क्षेत्र से हटाया
भाजपा के वे नेता जिनकी पटरी उनके क्षेत्र के लोगों के साथ नहीं बैठ रही थी, या जिनके कारण उम्मीदवार को नुकसान होने की आशंका थी, उन्हें क्षेत्र से बाहर भेज दिया गया है, या मुख्य धारा की वर्किंग से हटाकर चुनाव दफ्तर तक सीमित कर दिया गया है। इन नेताओं को यह भी हिदायत दी गई है कि इनके कारण उम्मीदवार को नुकसान होता है तो फिर आपके राजनीतिक भविष्य पर भी ग्रहण लग सकता है।
Bhopal 11/11/2023