भोपाल, रवीन्द्र जैन।
मध्यप्रदेश में अब अपने फुल फार्म में चुनावी रंगत में आ चुका है। महज 7 दिन बाकी रह गए हैं जनता का फैसला सुनाने में आखिर जनता का फैसला क्या होगा यह तो 3 दिसंबर को ही पता चल सकेगा लेकिन इन सबके बीच मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जिन्हें कांग्रेस कार्यकर्ता और कई सारे कांग्रेसी नेता भावी मुख्यमंत्री के नाम से संबोधन करने लगे हैं। गुरूवार को सबकी खबर के प्रधान संपादक वरिष्ठ पत्रकार रवीन्द्र जैन ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से ही इन सवालों के जवाब जानने चाहे। श्री नाथ ने भी बड़ी ही बेबाकी और आत्मविश्वास से लबरेज होकर सारे सवालों के जवाब दिए। आइए जानते हैं वरिष्ठ पत्रकार रवीन्द्र जैन के साथ नाथ ने शेयर किया अपना प्लान।
कीतनी सीटें आ रही हैं इस सवाल पर हल्की की मुस्कान से साथ नाथ ने बड़ा ही शानदार जवाब दिया। उन्होंने कहा कि देखिए मैं शिवराज नहीं हूं। मुझे विश्वास है तो मध्यप्रदेश की जनता पर। जनता प्रदेश के विकास की तस्वीर को सामने रखकर ही कांग्रेस का साथ देंगी। जाहीर हैं इस सवाल पर जो उनकी मुस्कान थी वह आत्मविश्वास से भरे थी उनकी मुस्कान इतना जरूर कह रही थी कि मैं हवा में बातें नहीं करता जमीन पर बात करता हूं। खैर हमने लगे हाथ नाथ पर सवाल भी दाग दिया कि जय वीरू की जोड़ी भी कहा जाता रहा हैं कभी प्रदेश के हल्कों में आपकी दोस्ती शिवराज से कीस तरह की हैं और कोई मदद वह आपकी कर रहे हैं क्या। इस पर भी नाथ ने कहा कि ऐसा हैं जैन साहब शिवराज जी से संबंध हैं मेरे लेकिन हम राजनीतिक विरोधी भी है। दुश्मनी नहीं कह सकते हैं आप इसे यह विचारों की लड़ाई कह सकते हैं। इसलिए राजनीति में न कभी मैंने उनकी मदद की न उन्होंने मेरी कभी मदद की। जब नाथ से यह पूछा गया कि ग्वालियर चंबल में तोमर जी की सीडी की गूंज अभी भी गूूंज रही हैं। भाजपा का आरोप हैं कि यह सीडी कांग्रेस के एक षड़यंत्र के तहत जारी की है। इस पर नाथ ने कहा कि ऐसा हैं सीडी तो वायरल हो गई। अब इस पर क्या चर्चा करें इस सीडी में क्या हैं और क्यों इतनी भाजपा हलाकान हो रही हैं सीडी को लेकर और आखिर ऐसा क्या हैं सीडी में इसका फैसला तो जनता ही तय करेगी। कांग्रेस का वचन पत्र बहुत ज्यादा चर्चा में हैं इस पर आप क्या कहेंगे। कहां से आएगा इन वचनों को पूरा करने के लिए पैसा। इस पर नाथ से बड़े ही सदे अंदाज में जवाब दिया कि मैंने पूरा हिसाब लगा लिया है। जब 2018 में मेरी सरकार बनी थी उस समय मैंने सबसे पहले तत्काल प्रभाव 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया था। तब भी सभी लोग यही कहते थे कि यह संभव नहीं हैं मैंने वह कर दिखाया था दूसरी कीश्त की बारी आते ही हमारी सरकार गिर गई थी। 2018 में मैंने 100 रूपए 100 यूनिट की बिजली योजना भी शुरू की थी तब भी कई लोग यह कहते नजर आए थे कि यह असंभव हैं। लेकिन मैंने कर दिखाया अब बताने को तो यह भी है कि सब यही कहते हैं थे यह क्या गौशाला बनाए जा रहे हैं आप लेकिन मैंने 11 महीने में एक हजार गौशाला बनाई। अब यह कोई पाप तो नहीं था। 5000 करोड़ का बजट चाहिए होगा आपके वचन पत्र को पूरा करने को लेकर अब की बार सिर्फ किसान ही नहीं हैं आपने बच्चों से लेकर युवाओं तक कुछ न कुछ देने का वचन दिया हैं नारी सम्मान योजना भी इसमें है तो इन सबको कैसे आप मैनेज करेंगे जबकि एक पत्रकार होने के नाते में 2018 की सरकार में भी आपसे मिला हूं तब मैंने यह भी देखा कि कैंसे बैंक वालों से आप निपट रहे थे किसानों की कर्ज माफी को लेकर चाहे वन टाईम सेटलमेंट की बात हो या पूर्ण कर्ज माफी की बात तो यह तो मैंने भी देखा है कि काफी मुश्किल टास्क था उस समय आपके लिए। अबकी बार तो आपका वचन पत्र 2018 से ज्यादा आकर्षक और लुभावना हैं इसे पूरा करने के लिए धनराशि की जरूरत तो होगी ही। यही मेरा सवाल है कि आप कैसे इसे संभालेंगे कोई तरकीब इसके लिए आपने लगाई है। इस सवाल पर कमलनाथ ने बड़े ही धीर गंभीर और एक सौम्य मुस्कान और अतिशय आत्मविश्वास के साथ कहा कि ऐसा हैं जैन साहब अगर मैं सच कहूं तो चूंकि आप भी वरिष्ठ पत्रकार हैं सब जानते ही हैं। अगर प्रदेश में जो घपले और भ्रष्टाचार चल रहे हैं वह रूक जाए तो फंड की कमी पड़ेगी ही नहीं। सारे वचनों का पालन होगा क्योंकि फंड की जरूरत पडेगी ही नहीं। हमने अगला सवाल दागा। नाथ् से पूछा गया कि भाजपा ने जो अपने सात दिग्गजों की फौज मैदान में उतारी हैं। एक महासचिव भी उसमें हैं। भाजपा की इस स्टेटजी को लेकर क्या सोचते हैं आप। क्या कुछ असर पडेगा इसका कांग्रेस पर। नाथ ने कहा कि देखिए ऐसा हैं भाजपा की जमीन फीसल रही हैं यह भाजपा जानती थी। जान चुकी थी। इस बात को उन्होंने सांसदों को मैदान में उतारकर खुद ही स्वीकार कर लिया। अगर वास्तव में धरातल पर यह मजबूत होते तो क्या जरूरत थी दिल्ली से सांसदों को उतारने की। और इन सांसदोें का फैसला भी जनता तय करेगी। कमलनाथ जी मैंने देखा है कि विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री 4 से 5 रैलियां करते थे पर यहां हम देख रहे हैं एक दिन में तीन-तीन रैली और 13 या 14 बार मध्य प्रदेश आ चुके हैं। ऐसा क्या है कि प्रधानमंत्री को इतना ज्यादा मध्य प्रदेश को फोकस करना पड़ रहा है। नाथ ने कहा यह तो प्रधानमंत्री ही जाने। बीजेपी के पास और कुछ नहीं बचा नहीं वह शर्माते हैं शिवराज सिंह जी का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने में। प्रधानमंत्री उनकी फायर ब्रिगेड और एमएलए सर्विस कर रहा है। एक और सवाल इस बात की क्या गारंटी है। मध्य प्रदेश की 9 करोड़ जनता यह आपसे जानना चाहती हो मैं उनके प्रतिनिधि के रूप में पूछ रहा हूं इस बात की क्या गारंटी है कि आपको बहुमत देने के बाद फिर से भारतीय जनता पार्टी आपकी सरकार न चुरा ले। देखिए यह सौदेबाजी अब जनता समझ गई है मैं मुख्यमंत्री था मैं भी सौदा कर सकता था विधायक मेरे पास आते थे क्या मैं इतने पैसे मिल रहे हैं मैंने कहा मैं कोई पैसे देने वाला नहीं हूं। आप मौज करिए और क्योंकि मैं सौदे से कुर्सी पर बैठने के लिए तैयार नहीं था और अब हमारी इतनी बहुमत आएगी कि यह सौदेबाजी का प्रश्न नहीं होगा। जय वीरू की जोड़ी है और यह भी कहा गया आपने कहा था यदि आपको फाड़ना है तो दिगिवजय जी के कपड़े फाड़ो। भारतीय जनता पार्टी ने उसको बहुत बड़ा इशू बनाया लेकिन अब जनता भी जानना चाहती कि चुनाव के बाद जब आप मुख्यमंत्री बनेंगे उसके बाद तो कुर्ते नहीं फटेंगे। देखिए ऐसा हैं उस समय भी दिग्विजय सिंह जी के क्षेत्र के लोग मेरे पास आए थे तो मैंने मजाक में कह दिया जो कि हम स्वाभाविक रूप से कहते भी हैं कि जााइए उनके कपड़े फाडिए। अब भाजपा के पास तो कोई मुदृदा बचा नहीं हैं उन्होंने इसे इशू बना लिया। इसमें सोचने वाली बात तो यह है कि देखिए कीतनी खोखली हो गई हैं भाजपा। नाथ साहब एक सवाल यह भी था जो कि हमारे बिरादरी से आपकी मीडिया से दूरी रहती हैं आप पत्रकारों से मिलते नहीं है। आपका पत्रकारों से संवाद कम रहता है।
नाथ ने कहा कि बिल्कुल मेरा संवाद ठीक रहेगा मेरे जो 15 महीने से जिसमें से ढाई महीने आचार संहिता लोकसभा चुनाव में गए मैं सोचा था पत्रकारों से मैंबाद में मिल लूंगा। मैं पहले प्रदेश को सुधार लूंं। प्रदेश को सही पटरी पर जाना ज्यादा जरूरी था। आप याद रखिएगा की 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनी थी जो आईएएस आईपीएस ऑफिसर था 15 साल पहले बना था 15 साल से उसका काडर था उसने केवल बीजेपी देखी थी तो मुझे व्यवस्था में परिवर्तन गवर्नेंस में परिवर्तन लाने की आवश्यकता थी। इसलिए मैेंने सोचा था कि मैं पत्रकारों से बाद में डील कर लूंगा। अब आप चिंतित मत होइए मैं आप सब से संपर्क बनाएं रखूंगा।
कमलनाथ् जी जनता यह भी जानना चाहती हैं कि 2018 के मॉडल और 2023 के में क्या अंतर आएगा वह भी लोग जानना चाहते हैं। इसमें यह है कि अब मुझे ज्यादा अनुभव है और जिस प्रकार का अत्याचार किया है पहले।
मैंने कभी कोई भी काम बदले की भावना से नहीं किया है। ना आगे करूंगा पर न्याय करूंगा या अत्याचार हुआ है जहां शासकीय कर्मचारी में बीजेपी का बिल्ला अपने जेब में रखा हुआ था। जहां पुलिस की गलत कार्रवाई कार्रवाई हुई है उसे अब कमलनाथ अब सहन नहीं करेंगे। एक छोटा सा प्रश्न यह है कि भ्रष्टाचार को लेकर पिछली बार आप बहुत लिबरल थे। इतने मुद्दे आपके पास थे 15 महीने आप मुख्यमंत्री रहे आप चाहते तो बहुत सारे लोग जेल में होते। मैंने कहा मैंने बदले की भावना से कुछ नहीं किया। ई टेंडर स्कैम था बहुत बड़ा घोटाला था। मैं इसमें आगे नहीं बढ़ा हनीट्रैप था। मैं मध्य प्रदेश का नाम बदनाम नहीं करना चाहता था। सब बीजेपी के लोग थे। यह मेरी भावना ही नहीं थी मेरी भावना मेरी नजर मेरा दृष्टिकोण मध्य प्रदेश को सुधारने का था। अब यह जो अन्याय हुआ है जो यह सब बातें हैं इसका पूरा खुलासा होगा। एक और सवाल नाथ साहब नकुलनाथ जी ने सभी को 7 तारीख को भोपाल आमंत्रित किया है। शपथ ग्रहण समारोह में। तो क्या हम यह मान ले कि 7 तारीख को शपथग्रहण होगा। कमलनाथ ने कहा कि देखिए ऐसा है। यह नकुल की राय थी अभी मैं छतरपुर दौरे पर था वहां मुझसे लोगों ने सवाल दाग दिया कि कब आए शपथग्रहण समारोह में। सब अपनी अपनी तारीख फिक्स कर रहे हैं पर अंत में तारीख मध्य प्रदेश की जनता फिक्स करेगी।
कमलनाथ जी ने बड़ेे ही बेबाकी से और बड़े ही गंभीर स्वरूप में सारे सवालों के जवाब दिए उनका साफ कहना यह भी था कि अब की बार सरकार बनने पर मेरा रवैया लिबरल नहीं रहेगा घोटालेबाजों को जेल की हवा खानी पड़ेगी।
Bhopal 10/11/2023