भोपाल, रवीन्द्र जैन।
देश के प्रतिष्ठित, अहिंसक और शांतिप्रिय दिग्ंबर जैन समाज की आस्था एवं तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान की मोक्षस्थली गिरनार पर्वत का मामला अब गरमाता जा रहा है। दिगंबर जैन समाज के इतिहास में पहली बार इस दीपावली पर देश भर के 1824 संत और उनके साथ लाखों भक्त अन्न जल त्याग कर एक दिन का अनशन करेंगे। यह अनशन कर रहे हैं अपने एक बड़े जैन तीर्थ गिरनार को बचाने के लिए आपको बताते चलें कि आज तक के इतिहास में कभी दिगंबर जैन मुनियों ने ना तो आंदोलन किया है और ना ही अनशन किया है। लेकिन पहली बार दिगंबर जैन आचार्य सुनील सागर जी महाराज ने आव्हान किया है कि 12 नवंबर को जिस दिन दीपावली है। उस दिन देश भर के 1824 मुनि अन्न जल ग्रहण नहीं करेंगे। पूरा मामला यह है कि गुजरात के जूनागढ़ जिले में जो गिरनार पर्वत है उसे पर्वत की पांचवी टोंक पर दिगंबर जैन समाज के 22 में तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान को मोक्ष प्राप्त हुआ था। नेमिनाथ भगवान ने यहां साधना करके मोक्ष को प्राप्त किया था। और वह स्थान आज से नहीं सैंकड़ों वर्षों से दिगंबर जैन समाज के लिए श्रद्धा और आस्था का केंद्र है। पिछले कुछ वर्षों से उस स्थान पर दत्तात्रय भगवान के जो समर्थक है जो उनके फॉलोअर हैं उन्होंने लगभग पूरी तरह कब्जा कर लिया है। और अब जैन समाज के लोगों की वहां एंट्री लगभग बंद कर दी गई है। उन्हें न तो दर्शन करने दिया जा रहा है। नहीं जो चरणों में जो भगवान के चरण बने हुए हैं। उसकी आराधना करने दी जा रही है और इसे लेकर आए दिन कोई ना कोई विवाद हो रहा है। 1 अक्टूबर को पिछले महीने दिगंबर जैन समाज के 200—250 लोग इस पर्वत पर पहुंचे थे और उन्होंने वहां जो भगवान के चरण बने हुए हैं उनके दर्शन करने की इच्छा व्यक्त की थी इसे लेकर वहां जो दूसरे दत्तात्रय भगवान के समर्थक साधु थे उनके बीच विवाद हुआ। दूसरे संप्रदाय के जो साधु हैं उन्होंने 28 अक्टूबर को गिरनार में एक बड़ी सभा की। आपको बता दें इस सभा का नेतृत्व किया था भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद महेश गिरी ने। महेश गिरि दिल्ली से सांसद रहे हैं और फिलहाल वर्तमान में वह इस स्थान के स्वयंभू पीठाधीश्वर बताते हैं। और उन्होंने जो कुछ वहां कहा है वह बेहद आपत्तिजनक बताया जा रहा है। उन्होंने आव्हान किया है कि कोई भी दिगंबर नागा साधु यदि पहाड़ पर आता है तो उसका सर धड़ अलग हो जाएगा। इस तरह की बातें होने से पूरे देश भर के दिगंबर जैन संत अंदर से बहुत दुखी है। और यह मानते हैं कि कुछ लोगों में हमारे प्रति कसाय है और इस कसाय को खत्म करने के लिए हम एक दिन का अनशन करेंगे। माहौल को ठीक करने के लिए एक दिन का अनशन करेंगे। लोगों को सदबुद्धि मिल जाए इसके लिए एक दिन का अनशन करेंगे। आचार्य सुनील सागर जी महाराज इस समय दिगंबर जैन समाज के काफी प्रतिष्ठित और सर्वमान्य आचार्य हैं। उन्होंने दिल्ली के ऋषभ विहार में गुरूवार को एक प्रवचन के दौरान इस बात का आह्वान किया है कि इस समय देश भर में 1824 दिगंबर जैन मुनि है यह मुनि दीपावली यानी 12 तारीख को एक साथ अनशन करेंगे। एक दिन का और यह में यह अनशन में न अन्न लेंगे लेंगे ना जल लेंगे। 24 घंटे के लिए
अन्न—जल का त्याग करेंगे और उनकी भावना सिर्फ इतनी है कि लोगों को सद्बबुद्धि मिले लोगों के मन में जैन समाज के समाज के प्रति जो कसाय है वह खत्म हो सके और सद्भाव का ऐसा माहौल हो कि नेमिनाथ भगवान के दर्शन करने के लिए हम भी जा सकते हैं और दूसरे संप्रदाय के लोग भी वहां दर्शन कर सके। इस माहौल के लिए सुनील सागर जी महाराज ने आवाहन किया है और उन्होंने यह भी कहा है कि केवल संत अकेले अनशन नहीं करेंगे। लाखों श्रावक भी उस दिन एक एकासन यानी एक टाइम भोजन या फिर पूरी तरह से अनशन कर सकते हैं। अन्न जल त्याग के। उन्होंने
आव्हान किया है कि यह इसलिए आवश्यक है क्योंकि जैन समाज के जो तीर्थ् है वह संकट में है। इन तीर्थों की रक्षा करना बहुत आवश्यक है और यह पहला चरण है। आपको यह भी बता दें कि दिगंबर जैन साधु समता भाव रखते हैं। किसी के प्रति कटु वचन नहीं बोलते हैं। अहिंसा का भाव मन में रहता है और वह स्वयं को तो कष्ट दे सकते हैं पर दूसरे का कष्ट झेल नहीं सकते हैं। यही कारण के स्वयं इस पूरे माहौल को सद्भाव में बदलने के लिए आचार्य सुनील सागर जी महाराज ने अनशन की बात की है। सुनील सागर जी महाराज ने जैन समाज और जैन संतों को आह्वान किया कि 12 तारीख को जिस दिन पूरा देश दिवाली मना रहा होगा। देश भर के 1824 दिगंबर जैन संत अन्य जल का त्याग कर एक दिन का अनशन करेंगे और भगवान से प्रार्थना करेंगे कि सभी को सद्बुद्धि दे सद्भाव का माहौल बने और सभी लोग गिरनार पर जाकर पूजा और अर्चना कर सके। सागर जी महाराज ने शांत भाव से अपनी बात कही है। पूरे देश भर के जैन साधुओं में इस बात को लेकर काफी बेचैनी है कि उनके सबके रहते हुए इतना बड़ा प्रसिद्ध जैन तीर्थ हमारे हाथों से निकलता जा रहा है। सरकारें सहयोग नहीं कर रही हैं। मदद नहीं कर रही हैं। यह तमाम सारी चीज हैं और मैंने दो दिन पहले भी अपने एक कार्यक्रम में आपको बताया था कि यह मुद्दा ऐसे समय पर आया है। जब पांच राज्यों में चुनाव चल रहे हैं मध्य प्रदेश और राजस्थान में बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग हैं। बड़ी संख्या में प्रभावी मतदाता हैं और यह लोग इस चुनाव में क्या गुल खिलाएंगे यह तो परिणाम बताएगा लेकिन जो जैन समाज के व्हाट्सएप ग्रुपों पर चल रहा हैं सोशल मीडिया पर चल रहा हैं वह निश्चित तौर में भारतीय जनता पार्टी के लिए अलार्म है क्योंकि जिस तरह गुस्सा बढ़ता जा रहा है। जैन समाज में जैन समाज अकेला वोटर नहीं होता है वह इतना प्रभावशाली वाटर होता है कि एक-एक व्यक्ति 10 लोगों को प्रभावित कर सकता है कि यदि यह सब चीज भारतीय जनता पार्टी को समझ नहीं आ रही है तो निश्चित तौर पर चुनाव परिणाम उनको समझाने पर विवश कर देंगे। जिस तरह एक पूरे समाज को नाराज किया जा रहा है। चर्चा नहीं की जा रही है। यह बड़ी आश्चर्य बात है और एक बात और जो हमें सूचना मिली है कि शायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह बात समझ में आ गई है और यही कारण है 26 नवंबर 2023 को दिल्ली में नरेंद्र मोदी जैन समाज के एक फंक्शन में पहुंच रहे हैं जहां वह जैन संतों से चर्चा करेंगे। लेकिन ऐसा ना हो की 26 तारीख तक देर हो जाए और जैन समाज अपना कोई दूसरा परिणाम सुना दे चुनाव को लेकर। अब यह तो आने वाला समय बताएगा कि क्या होगा लेकिन यह सही है कि 26 नवंबर को नरेंद्र मोदी दिल्ली में देश के लगभग 100 से ज्यादा दिगंबर जैन संतों से मिलने वाले हैं। श्वेतांबर संत भी मिलेंगे और उसमें यदि हो सकता है कि गिरनार को लेकर कोई घोषणा हो जाए। अभी मैं कोई इस बात की संभावना व्यक्त नहीं कर रहा हूं केवल ऐसा लगता है कि शायद हो जाए उम्मीद हम कर रहे हैं लेकिन जिस तरह का अभी तक व्यवहार रहा है गुजरात सरकार का भारत सरकार का वह जैन समाज के पक्ष में तो कहते ही दिखाई नहीं दे रहा है।
Bhopal 03/11/2023