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भोपाल, रवीन्द्र जैन।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही थी जारी है जैन समाज के बड़े तीर्थ गिरनार का मुद्दा एकदम से बढ़ता जा रहा है और यह एक मोड़ पर आकर खड़ा हो गया है पिछले 48 घंटे में दिगंबर जैन साधुओं के जो वचन उनके नेताओं को गिरधर की चिंता नहीं है तो अब जैन समाज भी उनकी चिंता क्यों करें यह तमाम सारा मुद्दा पिछले कुछ घंटे में एकदम से गरमा गया है। आचार्य पुलक सागर जी महाराज ने स्वयं कहा है कि भी नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री देखना चाहते थे वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में जाते रहे हैं और वह विश्व हिंदू परिषद के सबसे बड़े समर्थक रहे हैं।  लेकिन जिस तरह का दोहरा रवैया सरकार अपना रही हैं वो गलत है यह बात भी आचार्यश्री ने कही। वह कह रहे हैं कि आप गिरनार को बचाना है तो दो ही तरह के हैं जेल भरो या फिर रेल भरो गिरनार चलने के लिए।उधर मुनिश्री सुधा सागर महाराज जी ने भी तीखे तेवर अपनाते हुए कहा है कि हम शांति के पूजारी है। लेकिन हमारे अराध्य का किसी भी तरह का अपमान हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने चेेतावनी देते हुए कहा है कि दिगंबर जैन समाज की धर्म रक्षिणी समिति एक लाख भक्तों की सेना तैयार बैठी है केवल आदेश का इंतजार है। आदेश होते ही यह सब गुजरात की ओर रूख करेंगे। जैन समाज पिछले ​कुछ दिनों से गिरनार तीर्थ को लेकर गुस्सा भी है नाराजगी भी है और कहीं ना कहीं गुजरात की भारतीय जनता पार्टी और केंद्र की मोदी सरकार से भी नाराजगी दिखाई दे रही है सबसे बड़ी बात सबसे बड़ी बात यह है कि यह सारा घटनाक्रम तब हो रहा है जब मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा के चुनाव हैं मध्य प्रदेश और राजस्थान में दिगंबर जैन समाज बड़ी संख्या में रहते है और यहां दिगंबर जैन मुनियों का मूवमेंट भी रहता है। अधिकांश प्रवास जैन दिगंबर जैन मुनियों के मध्य प्रदेश और आपको राजस्थान में मिलेंगे और इसी समय यह घटना की हम क्यों हो रहा है इसके पीछे कौन है कौन षड्यंत्र रच रहा है इसको समझने की आवश्यकता है। दरअसल 1 अक्टूबर को दिगंबर जैन समाज के डेढ़ सौ दो से लोग गिरनार पर्वत पर वंदना के लिए गए थे। जहां नेमिनाथ भगवान दिगंबर जैन समाज के जो 22 वें तीर्थंकर हैं नेमिनाथ भगवान वह गिरनार पर्वत से मोक्ष गए हैं। साधना करते हुए उन्होंने अपना शरीर छोड़ा है और वह पांच वीं टॉप जहां से वह मोक्ष गए हैं। वहां उनके एक नई से उनके चरण बने हुए हैं। झांकी वंदना जैन समाज के लोग करते रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों से वहां दत्तात्रय महाराज का स्थान बना हुआ है और धीरे-धीरे करके साधुओं ने उसे जो भगवान के चरण है वहां पर अपना मंदिर बना लिया है। जैन समाज को लोग और दत्तात्रय महाराज के जो भक्त हैं वह दोनों वहां आते रहे हैं लेकिन 1 अक्टूबर को यह टकराव हुआ दिगंबर जैन समाज के लोगों पर यह आरोप लगा कि उन्होंने चरणों की वंदना करने के लिए दर्शन करने के लिए वहां उपद्रव मचाया इसलिए मचाया। क्योंकि वहां पर जो साधु थे वह किसी भी कीमत में चरणों के ऊपर कुछ ना कुछ रख देते हैं। फूल वगैरा और दर्शन नहीं करने देते हैं। लेकिन वहां का जो पांच वी टॉप के पिता ईश्वर है जो दत्तात्रेय भगवान के जो शिष्य हैं यह जो महंत हैं उनका नाम है महेश गिरी। मैं महेश गिरी जी के बारे में बता दूं कि वह भारतीय जनता पार्टी के सांसद रहे हैं और एक समय ऐसा भी है उनके ऐसे फोटो भी मिल जाएंगे कि उन्होंने दिल्ली से संसद का चुनाव लड़ने से पहले दिगंबर जैन मंदिरों के चरणों की वंदना की है। उनसे आशीर्वाद लिया है और आप यह मान सकते हैं कि जैन मुनियों के आशीर्वाद से वे सांसद बने थे। लेकिन अब इस समय वहां के पिठाधिश्वर है उन्होंने संन्यास ले लिया है। वे लगातार वहां सक्रिय बहुत अच्छी बात है लेकिन अब उन्होंने 28 तारीख को दिगंबर जैन मुनि और दिगंबर जैन समाज के खिलाफ गिरनार में एक बड़ी सभा की और संतों की सभा की और उसे सभा में जो कुछ कहा गया वह गुजराती भाषा में था। उसके अर्थ अपनी अपनी तरह लगाई जा रहे हैं उनका कहना था कि एक नागा साधूू वहां जाता है फिर भी वह टॉप में पहुंचता है इस तरह का कुछ उनका बयान है लेकिन दिगंबर जैन समाज में इस बयान को इस तरह से लिया है कि जो भी दिगंबर जैन समाज का साधु वहां पहुंचेगा उसका सर धड़ से अलग कर दिया जाए इस तरह की चर्चा हुई और तमाम सारे साधुओं को इस तरह का बताया गया तो साधु ने अपनी अपनी तरह से यह बात कहना शुरू की की यह गलत है। सतना में विराजमान ने आचार्य विद्यासागर जी महाराज के शिष्य उन्होंने बड़ी क्षमता भाव से यहां तक कह दिया कि यदि महेश गिरी के पास तलवार है तो हमारे पास सर और धर्म है हम अपना सर धड़ सये अलग होने के बाद भी केवल आशीर्वाद देंगे। क्योंकि हम अहिंसा के पुजारी हैं। उनका कहना है कि आप हमें कभी भी नेमिनाथ भगवान की वंदना से नहीं रोक सकते। किस तरह की गुस्सा जैन संतों में है गिरनार को लेकर आज पुलक सागर जी महाराज जो जो खुद यह मानते थे कि नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनना चाहिए इनके कार्यक्रमों में लगातार प्रवचन करने जाते हैं विश्व हिंदू परिषद को मानते और वे उनका एक सपना था कि भारत में राम मंदिर नहीं बनेगा तो कहां बनेगा राम मंदिर की कल्पना करने वाले आज आंचल जी महाराज का प्रवचन में यह जो आक्रोश दिख रहा है वह सिर्फ इसलिए दिख रहा है कि दिगंबर जैन समाज के सबसे बड़े शिखर को अपने पर्यटन स्थल बनाने विद्यासागर जी महाराज उनको इस बात का दुख है कि अभी सर काटने की बात की गई या नहीं की गई उन्हें नहीं पता है वह गुजराती भाषा में था लेकिन इतना तो सत्य है कि एक बार दिगंबर जैन मुनि को इसी पहाड़ पर चाकू से गोद दिया गया था उनका कहना है परम सागर जी महाराज का कि हमारे साधुओं को चाकूकों से गोदा गया है। हमें कम से कम इतना कर दीजिए कि आप भी अपना स्थान बना लीजिए हमें भी अपना स्थान रखना दीजिए। हमारी भी पूजा पाठ हो दोनों समुदाय यहां जिनकी श्रद्धा है दोनों अपनी अपनी श्रद्धा का वहां प्रकट करें। दोनों वहां अपनी भक्ति दिखाएं। क्योंकि दोनों की जो प्राचीनता है वो दोनों धर्म की प्राचीनता यदि मिलती है इस बात की जांच हो जाना चाहिए जो प्राचीनता है उसके आधार पर हमें वहां हमें अपना अधिकार मिलना चाहिए। चुनाव के बीच में यह जो माहौल बन रहा है या बनाया जा रहा है क्या वास्तव में जैन समाज इस समय भारतीय जनता पार्टी से नाराज है। क्या इस पूरे मामले की जानकारी भारतीय जनता पार्टी और उसके जो मुख्य कर्ताधर्त है उनको है। क्या उन्होंने इस विवाद को हल करने के लिए कोई तरीका निकाला है। क्या देश के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति जिनके पास में तमाम सारी जो इंटेलिजेंस एजेंसी है। वह यह फीडबैक नहीं भेज रही हैं। क्या मध्यप्रदेश और राजस्थान के भारतीय जनता पार्टी के जो नेता चुनाव में रणनीति बना रहे हैं उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि जैन समाज में यह सब कुछ क्या चल रहा है। क्या उन्हें नहीं लगता है कि जैन समाज यदि नाराज हो जाएगा तो भारतीय जनता पार्टी को कितना नुकसान होगा इन तमाम सारे मुद्दों पर चर्चा करने की वजह इस मुद्दों को हवा देने का काम कौन कर रहा है और चुनाव पर यह मुद्दा क्यों पकड़ा है यह ऐसे सवाल है जिसको भारतीय जनता पार्टी को चिंता करनी है। क्योंकि बहुत धीरे-धीरे जो माहौल बन रहा है खासकर अभी शुरुआत हुई है राजस्थान और मध्य प्रदेश के चुनाव के दौरान यदि पूरे देश भर में होगा तो 2024 का चुनाव भी प्रभावित हो सकता है। नरेंद्र मोदी जी को विचार करना है भारतीय जनता पार्टी को विचार करना है और राजस्थान और मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का जो संगठन है उन्हें विचार करना है कि आखिर यह हालत क्यों बन रहे हैं। ऐसा ना हो कि जब चीज हाथ से निकल जाए उसके बाद चिंता करें। अभी वक्त है चुनाव में भी आपके कई दिन बाकी है आप बैठिए सबको बताइए और यह जो समस्या है इसका समाधान निकालिए। जैन समाज कितने गुस्से में है इसकी कल्पना आपको नहीं है। इसका समाधान निकालना इस सरकारों की जिम्मेदारी है राज्य सरकार एवं या केंद्र सरकार इन्हें बैठकर गिरनार समस्या का समाधान शीघ्रता से निकलना चाहिए।

Bhopal   02/11/2023