हाई कोर्ट ने सिहोरा के 20 वेयर हाउस संचालकों अंतरिम राहत दे दी है। इसके तहत अनाज भंडारण में साइलो बैग को दी गई प्राथमिकता पर रोक लगा दी गई है। साथ ही राज्य शासन सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया गया है। इसके लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।
न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ के समक्ष मामला सुनवाई के लिए लगा। इस दौरान याचिकाकर्ता नेहा शुक्ला सहित 20 अन्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजय मिश्रा व सत्येंद्र ज्योतिषी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ताओं के निजी वेयरहाउस हैं, जो विगत कई वर्ष से शासन के द्वारा खरीदी गई फसल का उपार्जन भंडारण करते हैं। फरवरी, 2023 में रबी की फसल के भंडारण के लिए सरकार के द्वारा जो नीति बनाई गई थी, उसमें अनाज भंडारण के लिए साइलो बैग को पांचवीं वरीयता में रखा गया था। किंतु 27 मार्च, 2023 को सरकार द्वारा संशोधन पत्र जारी कर सायलो बैग की प्राथमिकता बदलकर दूसरे नंबर पर कर दी गई, जो कि नियम विरुद्ध है। दरअसल, सायलो बैग की भंडारण क्षमता बहुत अधिक होती है। यदि इनका भंडारण पहले हो जाता है तो निजी वेयरहाउस के पास भंडारण नहीं हो सकेगा व निजी वेयरहाउस खाली हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में निजी वेयरहाउस मालिकों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा। निजी वेयरहाउस शासन की नीति के तहत नाबार्ड सहित अन्य बैंक के माध्यम से करोड़ों रुपये के लोन लेकर बनाए गए हैं। सरकार के द्वारा जो किराया दिया जाता है, उससे ही बैंक की किश्त चुकाई जाती है। अन्य व्यवस्थाएं की जाती हैं। अगर वेयरहाउस में अनाज का भंडारण नहीं हुआ तो निजी वेयरहाउस मालिकों के सामने जीवन-यापन की आर्थिक समस्या उत्पन्न हो जाएगी। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने 27 मार्च, 2023 के आदेश पर रोक लगाते हुए मप्र शासन को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
जबलपुर 04/04/2023