खुशियां बांटने के लिए अस्पताल को घर जैसा बना दिया। दो मुस्कुराते चेहरे लोगों जिंदगी में आई परेशानियों रूपी कड़वाहट को खत्म कर मिठास घोलने में लगे हुए हैं। ये हैं डा. नीरज और डा. समीर पहलाजानी। ये लोगों को खुशयां बांटने को ही अपने जीवन की सफलता मानते हैं। साथ मिलकर चले, चुनौतियों को स्वीकारा और आगे बढ़ते चले गए।
मरीजों को बांटी गईं खुशियों को ही मानते हैं अपनी सफलता
इनका मानना है कि आप अच्छी सोच और लगन से आगे बढ़ें तो चीजें खुद-ब-खुद अच्छी होती चली जाएगी। इनके लिए अस्पताल के मरीज और यहां आने वाले लोग परिवार की तरह हैं। गायनेकोलाजिस्ट डा. नीरज पहलाजानी और रेडियोलाजिस्ट डा. समीर पहलाजानी शंकर नगर स्थित पहलाजानी वूमंस हास्पिटल एंड आइवीएफ सेंटर चला रहे हैं। वर्ष-2007 में शादी के बंधन में बंधने के बाद जीवन का सफर शुरू किया। एक ही सिद्धांत पर काम किया, जो करना है, अच्छा करना है। शादी होते ही पारिवारिक अस्पताल से शुरुआत हुई।
फर्टिलिटी ट्रीटमेंट को लेकर गांव-गांव में चला रहे जागरूकता अभियान
मन में था कि स्वास्थ्य सुविधाओं को घर-घर तक पहुंचाना है। इसलिए दोनों मिलकर गांव-गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाने लगे। यहां वे स्वास्थ्य जांच के साथ ही फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के बारे में जागरूक करते रहे। इसका परिणाम यह हुआ कि लोगों में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आइवीएफ) ट्रीटमेंट को लेकर जागरूकता आई और इनके प्रयासों से हजारों परिवारों में खुशियां आईं। तब से अब तक हर फैसले में एक-दूसरे के साथ हैं। हौसला बढ़ाते रहे।
चुनौतियां सीखने और आगे बढ़ने के लिए
डा. नीरज और डा. समीर का मानना है कि हर किसी के जीवन में चुनौतियां आती हैं। चुनौतियां सीखने और आगे बढ़ने के लिए हैं। हमने भी यही किया। आप अच्छा काम करेंगे तो अच्छे लोग आपसे जुड़ते चले जाएंगे। लक्ष्य साफ था इसलिए अच्छे लोग जुड़ते गए। लोगों के प्यार ने सफर आसान कर दिया। हम रायपुर के साथ ही ओडिशा, झारखंड, उत्तर प्रदेश समेत अन्य जगहों पर संस्थान स्थापित करने और सेवाएं देने में भी सफल रहे हैं।
रायपुर 04/04/2023