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एक महीने से भोपाल समेत 19 जिलों के कोर्ट में चल रही हड़ताल गुरुवार से हाईकोर्ट समेत सभी 52 जिलों के न्यायालयों तक पहुंच जाएगी। इस हड़ताल में स्टेट बार एसोसिएशन भी शामिल हो गया है। वकीलों के हड़ताल पर (कार्य से विरत) रहने के चलते ग्वालियर में गुरुवार को लगभग 5000 केसों की सुनवाई प्रभावित होगी। इसमें लगभग 1250 मामले हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच के हैं, जबकि शेष मामले जिला एवं सत्र न्यायालय सहित अन्य न्यायालयों के हैं।

बता दें कि हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि पुराने 25 प्रकरण तीन महीने में निपटाएं। इसके खिलाफ जिला बार एसोसिएशन के आह्वान पर एक महीने से 19 जिले के वकील हड़ताल पर हैं। स्टेट बार ने ऐलान किया है कि मांग पूरी नहीं होती है तो 23 से 25 मार्च तक प्रदेशभर के लगभग 92 हजार वकील हड़ताल पर रहेंगे।

बुधवार को स्टेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम सिंह भदौरिया ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को आदेश वापस लेने के लिए पत्र लिखा। सकारात्मक जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने पत्रकारवार्ता आयोजित कर 23 से 25 मार्च तक प्रदेश व्यापी हड़ताल की घोषणा की। उन्होंने बताया कि 26 मार्च को मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद की साधारण सभा बुलाई गई है, जिसमें आगामी रणनीति तय की जाएगी।

ऐसे चला बार-बेंच में चर्चा का दौर

चीफ जस्टिस ने स्टेट बार के सदस्यों के साथ बैठक की। इसमें उपस्थित 21 सदस्यों से सुझाव लिए गए। ग्वालियर के चारों बार सदस्यों ने चीफ जस्टिस संग मुलाकात की और समस्या से फिर से अवगत कराया। एडवोकेट प्रेमसिंह भदौरिया अध्यक्ष बने, कार्यभार ग्रहण करते ही चीफ जस्टिस को पत्र लिखा। इसमें कहा कि 22 मार्च तक 25 मुकदमों के संबंध में निराकरण नहीं किया जाता, तो हड़ताल की जाएगी। रात्रि 12 बजकर 3 मिनट पर चीफ जस्टिस की ओर से स्टेट बार को मेल किया गया और अन्य विकल्प तलाशने की बात कही। दोपहर 1 बजे स्टेट बार अध्यक्ष ने चीफ जस्टिस को फिर से पत्र लिखा और चार बजे तक समस्या के निराकरण करने का अनुरोध किया। पांच बजे पत्रकारवार्ता बुलाकर प्रदेशव्यापी हड़ताल की घोषणा की गई।

ग्वालियर कोर्ट में 76,901, प्रदेशभर में 19.78 लाख केस पेंडिंग

जिला न्यायालय ग्वालियर में कुल 76901 मामले लंबित हैं। इनमें 16224 प्रकरण सिविल और 60677 प्रकरण क्रिमिनल के हैं। इसमें भी 11 से 25 साल पुराने मामलों पर नजर डालें तो सिविल के 249 व क्रिमिनल के 90 मामलों का अभी भी निराकरण नहीं हो सका है। मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच की बात करें को यहां कुल 79827 प्रकरण लंबित हैं। इसमें सिविल के 48970 और क्रिमिनल के 30317 केस हैं। प्रदेश की अदालतों में 19.78 लाख केस पेंडिंग हैं, जिसमें 15.84 लाख क्रिमिनल, 3.93 लाख सिविल केस हैं।

अध्यक्ष ने कहा.. वर्तमान स्थिति में न्याय के भ्रूण की हत्या हो रही है
"मप्र के चीफ जस्टिस को बार-बार निवेदन किया गया था कि 25 केसों का जो फरमान जारी किया गया है, उसमें ना तो पक्षकारों को न्याय मिल पा रहा है और ना ही वकील स्वस्थ्य मानसिकता में अपने पक्षकार का बचाव कर पा रहा है। वर्तमान स्थिति में न्याय के भ्रूण हत्या हो रही है।" -एड. प्रेम सिंह भदौरिया, अध्यक्ष मप्र स्टेट बार काउंसिल

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने लिखा पत्र... कार्य से विरत रहने के निर्णय को वापस लेने के संबंध में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सीनियर एडवोकेट मनन कुमार मिश्रा ने मप्र स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष को पत्र लिखा।

पूर्व जस्टिस बोले... वकील हड़ताल की बजाय क्षमता के हिसाब से काम लें
"चीफ जस्टिस का आदेश गलत नहीं है। उनका उद्देश्य पुरानों प्रकरणों को जल्द निपटाने का है। वकीलों को इसे मानना चाहिए। निचली अदालतों को भी इसआदेश का पालन करते प्रकरणों का निपटारा न्यायसंगत करना चाहिए। वकीलों को भी अपनी क्षमता के हिसाब से प्रकरण लेना चाहिए।" -आरएस गर्ग, रिटायर्ड चीफ जस्टिस, गुवाहाटी हाईकोर्ट

Gwalior   23/03/2023