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मॉल के चौथे फ्लोर पर ज्यादा आवाजाही नहीं रहती, मौका देखकर लगाई छलांग 

इंदौर में रिटायर्ड डॉक्टर मनमोहन सोनी (65) के सुसाइड केस में पता चला है कि जब वह C-21 मॉल की चौथी मंजिल से कूदे तब फ्लोर पर 3-4 लोग ही है। डॉक्टर ने सुसाइड के लिए सोमवार का दिन चुना क्योंकि इस दिन मॉल में लोगों की ज्यादा आवाजाही नहीं होती है।

बता दें, सोमवार दोपहर रिटायर्ड डॉक्टर मनमोहन सोनी ने C-21 मॉल की चौथी मंजिल (करीब 70 फीट ऊंचाई) से कूद कर सुसाइड कर लिया था। वे सिर के बल नीचे गिरे थे। गिरने के 10-12 सेकेंड के अंदर ही उन्होंने दम तोड़ दिया था। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर मनमोहन सोनी चोइथराम अस्पताल से रिटायर हुए थे।

सुसाइड के इरादे से ही चौथी मंजिल पर पहुंचे थे डॉक्टर

 मॉल की चौथी मंजिल पर आइनॉक्स थिएटर है। एक ओर सी-21 लॉउंज और उसके सामने गोवर्धन थाल रेस्टोरेंट है। फ्लोर पर दोपहर को फिल्म खत्म होने के बाद और लंच के दौरान लोगों का मूवमेंट ज्यादा रहता है। जबकि लॉउंज में शाम के बाद आवाजाही ज्यादा रहती है।

लाउंज कर्मचारियों के मुताबिक फ्लोर पर शनिवार और रविवार को ज्यादा आवाजाही रहती है, जबकि सोमवार को कम रहती है। यही स्थिति दोपहर करीब 3 बजे थी। कुछेक लोग ही फ्लोर पर आ-जा रहे थे। खास बात यह कि उक्त फ्लोर पर कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक या किसी भी आइटम का कोई शो रूम या आउटलेट नहीं है। ऐसे में रिटायर्ड डॉक्टर को अगर शॉपिंग करनी होती तो वे ग्राउंड या अन्य फ्लोर पर जाते। वे सुसाइड का सोचकर ही चौथी मंजिल (सबसे आखिरी मंजिल) पर पहुंचे थे।

तीन घंटे तक मॉल में घूमते रहे

मॉल के दो कर्मचारियों के मुताबिक डॉ. सोनी आधे घंटे पहले चौथे फ्लोर पर देखे गए थे। वे काफी देर तक इधर-उधर घूमते रहे जबकि हाथ में कुछ नहीं था। दोपहर 3.15 बजे जब उन्होंने छलांग लगाई तब लाउंज के बाहर दो कर्मचारी (एक महिला) थे। जबकि इसी कॉरिडोर से एक कपल लिफ्ट की ओर जा रहा था। इनके अलावा पूरे फ्लोर पर कोई नहीं था। इस बीच सामने की ओर से डॉ. सोनी रैलिंग लांघ चुके थे। इस दौरान रेस्टोरेंट के अंदर से एक कर्मचारी ने पीछे से उन्हें देखा तो चिल्लाया। वह दरवाजा खोल कर बाहर आता तब तक डॉ. सोनी ने चार-छह सेकेंड में खुद को कूदने के लिए तैयार किया और छलांग लगा दी।

मोबाइल, नकदी और दो अंगूठी मिली

अन्य फ्लोर पर भी जानकारी हासिल की तो पता चला कि डॉ. सोनी ने किसी प्रकार की खरीदी नहीं की थी। ग्राउंड फ्लोर के एक शॉपकीपर शान खान ने बताया कि वे अपनी दुकान पर थे, तभी अचानक ऊपर से लोग चिल्लाए कि उन्हें देखो, रोको… इस पर मैंने ऊपर देखा तो डॉ. सोनी पाइप लांघकर कूदने के लिए आगे-पीछे हुए और नीचे छलांग लगा। उनके पास से पर्स, मोबाइल, करीब तीन हजार रुपए और दो अंगूठी मिली हैं।

अच्छे-अनुभवी डॉक्टर ही नहीं बल्कि अच्छे इंसान थे

डॉ. सोनी सालों तक चोइथराम हॉस्पिटल के न्यूक्लियर मेडिसिन डिपार्टमेंट में थे। वे यहां से दो साल पहले ही रिटायर्ड हुए थे। उनकी पत्नी डॉ. नीलू सोनी भी इस हॉस्पिटल में गायनाकोलॉजिस्ट रही हैं। हालांकि उनका सपना संगीता रोड पर निजी क्लिनिक भी है। हॉस्पिटल के डॉ. अमित भट्‌ट के मुताबिक डॉ. सोनी अच्छे व अनुभवी डॉक्टर तो थे ही वे एक अच्छे इंसान थे। उनके द्वारा सुसाइड करने की सूचना जैसे ही स्टाफ को लगी किसी को विश्वास नहीं हुआ।

Bhopal   14/03/2023