नेता प्रतिपक्ष ने कहा, भ्रष्टाचार छिपाने में साथ देते हैं स्पीकर
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने अपनी गरिमा के विपरीत निर्णय लिया है। उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। शिवराज सिंह द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग में दिए उत्तर में खुद लिखा- सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया गया। भाजपा कार्यालय में जो बैठकें और सम्मेलन होते हैं, उनके लिए करोड़ों रुपए सरकारी खजाने से खर्च किए गए हैं। ये प्रजातंत्र में लूट और भ्रष्टाचार है। भ्रष्टाचार छिपाने का काम सरकार करती है, अध्यक्ष साथ देते हैं। चोरी सरकार करे, माफी जीतू पटवारी और कांग्रेस के लोग क्यों मांगें।
नरोत्तम मिश्रा बोले, अविश्वास प्रस्ताव संसदीय कार्यमंत्री के खिलाफ लाना था
कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव लाने के फैसले पर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, अध्यक्ष की आंशिक भूमिका थी, मूल कार्य तो संसदीय कार्यमंत्री का था। सदन ने मतदान के बाद उन्हें (जीतू पटवारी) निलंबित किया था। अध्यक्ष ने निलंबित नहीं किया। उन्होंने तो खेद व्यक्त करने के लिए कहा था। प्रस्ताव लाना ही था तो संसदीय कार्यमंत्री के खिलाफ लाते।
कमलनाथ बोले- पहले से तय था जीतू का निलंबन
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी पर हुए एक्शन पर कमलनाथ ने कहा- मप्र की विधानसभा का बहुत दुखद दिन है। विधानसभा और लोकसभा का मुझे सालों का अनुभव है, पक्ष हो या विपक्ष। विपक्ष के सवालों का सरकार जवाब देती है। हमारे साथी जीतू पटवारी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर कई मुद्दे उठाए। कई ऐसे मुद्दे थे, जिसका जवाब विधानसभा में दिया गया। जीतू ने कहा- बीजेपी कार्यालय में सरकारी पैसे से खाना खिलाया गया। ये जीतू पटवारी ने नहीं कहा, ये तो प्रश्न के जवाब में उत्तर मिला है।
कमलनाथ ने आगे कहा, पटवारी ने कर्ज की बात उठाई। लगभग 4 लाख करोड़ का कर्ज लिया गया। 75 करोड़ रुपए प्रतिदिन का ब्याज लग रहा है। ये 24 हजार करोड़ रुपए प्रति साल का ब्याज है। रिजर्व बैंक ने नोटिस देकर संपत्ति की नीलामी की। हमारा सवाल है कि ये कर्ज क्यों लिया जा रहा है? बडे़-बडे़ ठेके दें, इन ठेकों में एडवांस दें और उससे अपना कमीशन लें। हमारे साथी जीतू पटवारी ने हवाई जहाज पर हुए खर्च का सवाल उठाया। इन पर जवाब देने के बजाय जीतू पटवारी पर जो कार्रवाई हुई, वो पहले से तय थी। इन्होंने पहले से तय कर रखा था कि हम सत्र नहीं चलने देंगे।
कमलनाथ ने कहा, हमारे अध्यक्ष (गिरीश गौतम) जो निष्पक्ष होने चाहिए, उन्होंने जीतू पटवारी का निलंबन किया। इसका मतलब ये हमारी आवाज रोकना चाहते हैं। हमें बोलने नहीं देना चाहते। ये नहीं चाहते कि इनकी बातों का खुलासा हो। ये संविधान और हमारे प्रजातंत्र के लिए बहुत दुखद दिन है। निलंबन कोई मुद्दा नहीं है। आवाज रोकना, ये मुद्दा है।
क्या हुआ था?
सीएम और उनकी पत्नी पर टिप्पणी अमर्यादित मानी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी पर परोक्ष रूप से की गई टिप्पणी को अमर्यादित मानते हुए विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को पूरे बजट सत्र से निलंबित कर दिया था। पटवारी के निलंबन का प्रस्ताव संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने रखा था। इस पर मौखिक वोटिंग कराकर फैसला हुआ।
ऐसे चला घटनाक्रम...