- इसकी जगह 150 कमरों का नया होटल बनेगा
भोपाल। बड़े तालाब किनारे स्थित होटल लेक व्यू अशोक को 150 कमरों का बनाया जाएगा। होटल में इस तरह की वर्ल्ड क्लास सुविधाएं जुटाई जाएंगी ताकि राजधानी में बड़े आयोजन आसानी से हो सकें। मौजूदा होटल को तोड़कर नए सिरे से बनाने का यह प्रोजेक्ट पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) आधार पर होगा। इसे प्राइवेट पार्टनर को 60 साल के लिए लीज पर दिया जाएगा। साधिकार समिति की बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने पर्यटन विकास निगम के इस प्रोजेक्ट पर सैद्धांतिक सहमति दी है। प्राइवेट पार्टनर को इसे कम से कम 5 स्टार होटल बनाना होगा। अभी यह अभी 3 स्टार होटल है। लीज पर देने से पहले होटल की ऑफसेट वैल्यू तय की जाएगी। कैबिनेट से मंजूरी के बाद प्रोजेक्ट को अमल में लाया जाएगा। बता दें कि 1985-86 में होटल की शुरुआत हुई थी। तब भारत सरकार के 51त्न और मप्र सरकार के 49त्न शेयर थे। अब इसमें केंद्र के शेयर नहीं है। 40 साल पुराना श्यामला हिल्स स्थित यह होटल 7.16 एकड़ में फैला है। इसमें 4 सुइट, 39 डीलक्स रूम, स्वीमिंग पूल, रेस्टोरेंट आदि हैं। पांच साल पहले भी होटल को निजी हाथों में देने की कोशिश हुई थी। कीमत 350 करोड़ आंकी गई थी। कोई भी निजी कंपनी इसे लेने को तैयार नहीं हुई।
अभी हाईवे जर्जर... 55 किमी का सफर 85 किमी का
भोपाल के लिए दूसरी बड़ी सौगात हाईवे को लेकर है। मौजूदा भोपाल-विदिशा रोड (एसएच-18) को 2 लेन से 4 लेन किया जाएगा।एमपीआरडीसी (मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम) ने इसके निर्माण का प्रस्ताव दिया है। इस सड़क को एक्सप्रेस-वे जैसा बनाया जाएगा। इस पर सर्विस लेन भी होगी। निर्माण हाइब्रिड एनीयुटी मोड पर होगा। स्टेट हाईवे की मौजूदा लंबाई करीब 55 किमी है। यह भोपाल में भानपुर चौराहा अयोध्या बाइपास से प्रारंभ होती है और सांची-सलामतपुर जंक्शन पर एनएच-146 पर समाप्त होती है। यह सड़क भोपाल और रायसेन जिलों से होकर गुजरती है। भानपुर, चोपड़ाकला, सुखी सेवनियां, डोब, बालमपुर, दीवानगंज और सलामतपुर जैसे आवासीय क्षेत्रों को जोड़ती है। एमपीआरडीसी प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 44.80 किमी है। यह भोपाल से विदिशा जाने के लिए यह सबसे सीधा मार्ग है। लेकिन यह सड़क जर्जर है। लोगों को रायसेन होकर जाना पड़ता है। इसमें 30 किमी दूरी बढ़ जाती है। चूंकि यह दक्षिण से उत्तर भारत को जोड़ने के लिए सबसे महत्वपूर्ण रास्ता है। इससे रोज करीब 10 हजार से ज्यादा वाहन गुजरते हैं।