जयपुर । चुनाव में एक वोट की अहमियत क्या होती है। एक वोट की अहमियत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. सीपी जोशी से ज्यादा कौन जान सकता है। वर्ष 2008 के विधानसभा चुनावों में डॉ. सीपी जोशी नाथद्वारा विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी थे। डॉ. जोशी महज एक वोट से चुनाव हार गए थे। डॉ. जोशी ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि वह एक वोट से चुनाव हार जाएंगे। उनके लिए सबसे बड़े दुख की बात यह रही कि उनकी पत्नी मतदान करने नहीं पहुंच पाई थी। अगर वह मतदान करती तो मामला बराबरी तक तो पहुंच जाता लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
चार चुनाव जीतने के बाद पांचवें में 1 वोट से हारे
डॉ. सीपी जोशी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। वह राजस्थान की नाथद्वारा विधानसभा सीट से वर्ष 1980, 1985, 1998 में और 2003 में चुने गए थे। पार्टी में सीनियर नेता होन के नाते वर्ष 2008 के चुनावों में सीएम पद के दावेदार भी थे। बड़े जोश से चुनाव मैदान में कूदे लेकिन जो अनहोनी हुई, उसके बारे में किसी ने सोचा तक नहीं था। डॉ. जोशी खुद स्वीकार किया कि उनकी पत्नी और बेटी मंदिर गए थे। ऐसे में वह समय पर मतदान करने नहीं पहुंच सकी थी। डॉ. जोशी भाजपा प्रत्याशी कल्याण सिंह चौहान से महज एक वोट से चुनाव हार गए।
हाईकोर्ट ने रद्द किया चुनाव लेकिन 5 साल विधायक रहे कल्याण सिंह
एक वोट से चुनाव हारने के बाद कांग्रेस नेता सीपी जोशी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाते हुए मतदान में धांधली का आरोप लगाया। डॉ. जोशी का आरोप था कि बीजेपी प्रत्याशी कल्याण सिंह चौहान की पत्नी कल्पना कंवर ने दो बूथों पर मतदान किया। बूथ संख्या 39 और 40 पर मतदान करने का आरोप लगाया था। लम्बे समय तक मामला कोर्ट में चला। आखिर वर्ष 2017 में राजस्थान हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया और चुनाव को रद्द कर दिया। बाद में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कल्याण सिंह सुप्रीम कोर्ट चले गए। ऐसे में 5 साल का वक्त निकल गया और कल्याण सिंह पांच साल तक विधायक रहे।